श्री गणेश ने कहा
अब सुन यह सृष्टि कैसे निर्मित हुई
जब माँ महामाया के मन में अन्धकार और निर्वात था
तब नाद/ध्वनी रूप में गं की गूँज उनके मन में चल रही थी
यही प्रारंभ था आदि था शुरुआत थी और यही से निर्माण शुरू हुआ
सारे अन्धकार/विष को इकठ्ठा करके एक अणु बना दिया गया
और इस विष के अणु से एक सम्पूर्ण पुरुष का जन्म हुआ
वे विष्णु कहलाये
उनके मस्तक से बहते पसीने से एक बालक का जन्म हुआ
इस बालक ने प्रकट होते ही जोर से रोना शुरू कर दिया
इनका नाम रूद्र हुआ
विष्णु विष की अधिकता के कारण बेहोश जैसे हो गए
विष्णु की नाभि से एक कमल का फूल प्रकट हुआ
इस फूल पर ब्रह्मा विराजमान थे
माँ महामाया ने ब्रह्मा को सृष्टि निर्माण का आदेश दिया
ब्रह्मा ने एक अंडे की रचना की
जो ब्रहमांड कहलाया
और सृष्टि का निर्माण शुरू हो गया