श्री गणेश ने कहा
अब सुनो तुम्हारा जन्म कैसे हुआ
जब भी कोई निर्माता किसी वस्तु का निर्माण करता है तो
उसकी इच्छा होती है कि उसकी बनायीं वस्तु की प्रशंसा की जाए
उसका इस्तेमाल किया जाए
इस नवनिर्मित सृष्टि के लिए विभिन्न जीव जंतु बनाये गए
सबने अपनी अपनी आवाज़ में चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया
जो की देवताओ को पसंद नहीं आया
उन्होने ब्रह्मा जी से प्रार्थना की कि एक ऐसा जीव बनाया जाए
जो हमारे ही जैसा दिखे हमारी आवाज़ मे हमारी स्तुति( तारीफ़) करे
हमे भोग चढ़ाये
हमारे लिए हवन यज्ञ आदि करे
उसके इन कार्यो से हमे शक्ति प्राप्त हो
तब ब्रह्मा जी ने तुम्हारा निर्माण किया
तुम्हारे कार्य भी निश्चित कर दिए गए
मेरे अंश हो तुम मुझ से तुम्हारा निर्माण हुआ
मुझ में समाना तुम्हारी मंजिल है
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