Thursday, August 4, 2011

shree ganesh geeta 18


तेरा तुझ को अर्पण बाबा   क्या लागे मेरा
मेरे ह्रदय मे ही राखना  बाबा वास तेरा

हे हेरम्ब हे गौरीनंदन हे गजानन हे जगवंदन
मस्तक पर हो  ज्ञान,मेरे मुख पर बसे तेरी मुस्कान
दो गुणी मेहनत करो  बाबा के चार हाथो से ये जान
सारे कष्ट मिटे जग के, देते गणेश ये वरदान
गौरीसूत शिवनंदन ,गणेश है जिनका नाम
गणेश गीता, गणेश लीला, और डाला गणेश ज्ञान
 गणेश जी की लिखी पुस्तक गणेश दर्शन है नाम

Tuesday, July 5, 2011

shree ganesh geeta 17

श्री गणेश ने कहा
    अब मै तुम्हे बताता हूँ मेरी राह क्या है
मै तुमसे क्या चाहता हूँ
   मैंने किन कामो को निषेध किया है
मेरी कृपा प्राप्त मनुष्य की पहचान क्या है


shree ganesh geeta 16

श्री गणेश ने कहा 
अब सुनो तुम्हारा जन्म कैसे हुआ
जब भी कोई निर्माता  किसी वस्तु का निर्माण करता है तो 
उसकी इच्छा होती है कि उसकी बनायीं वस्तु की प्रशंसा की जाए 
उसका इस्तेमाल किया जाए 
इस नवनिर्मित सृष्टि के लिए विभिन्न जीव जंतु बनाये गए
सबने अपनी अपनी आवाज़ में चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया
जो की देवताओ को पसंद नहीं आया
उन्होने ब्रह्मा जी से प्रार्थना की कि एक ऐसा जीव बनाया जाए 
जो हमारे ही जैसा दिखे हमारी आवाज़ मे हमारी स्तुति( तारीफ़) करे
हमे भोग चढ़ाये
 हमारे लिए हवन यज्ञ आदि करे 
उसके इन कार्यो से हमे शक्ति प्राप्त हो
तब ब्रह्मा जी ने तुम्हारा निर्माण किया
तुम्हारे कार्य भी निश्चित कर दिए गए

मेरे अंश हो तुम  मुझ से तुम्हारा निर्माण हुआ
मुझ में समाना तुम्हारी मंजिल है 

shree ganesh geeta 15

श्री गणेश ने कहा
    जब सृष्टि का निर्माण हो गया तब ब्रह्मा जी ने विभिन्न कामो के लिए
 विभिन्न देवताओ की ड्यूटी लगा दी. 
  वायु को हवा की, 
इन्द्र को वर्षा की ,
वरुण को पानी की 
 अग्नि को गर्मी की 
सूर्य को प्रकाश की
चंद्रमा को शीतलता की
आदि आदि

shree ganesh geeta 14

श्री गणेश जी द्वारा ब्रह्माण्ड का निर्माण   एक अति दुर्लभ फोटो 

shree ganesh geeta 13

और परमपिता ब्रह्मा ने ब्रह्माण्ड की रचना शुरू कर dee

shree ganesh geeta 12

और यहाँ विष्णु की नाभि से कमल प्रकट हुआ और विष्णु कहलाये पदमनाभ

shree ganesh geeta 11

श्री विष्णु योग निद्रा में  अब इनकी नाभि से कमल उत्पन्न होने वाला है

shree ganesh geeta 10

श्री गणेश ने कहा
अब सुन यह सृष्टि कैसे निर्मित हुई
जब माँ महामाया के मन में अन्धकार और निर्वात था 
तब नाद/ध्वनी रूप में गं की गूँज उनके मन में चल रही थी
यही प्रारंभ था आदि था शुरुआत थी और यही से निर्माण शुरू हुआ
सारे अन्धकार/विष को इकठ्ठा करके एक अणु बना दिया गया
और इस विष के अणु से एक सम्पूर्ण पुरुष का जन्म हुआ
वे विष्णु कहलाये
उनके मस्तक से बहते पसीने से एक बालक का जन्म हुआ
इस बालक ने प्रकट होते ही जोर से रोना शुरू कर दिया 
इनका नाम रूद्र हुआ
विष्णु विष की अधिकता के कारण बेहोश जैसे हो गए
विष्णु की नाभि से एक कमल का फूल प्रकट हुआ 
इस फूल पर ब्रह्मा विराजमान थे
माँ महामाया ने ब्रह्मा को सृष्टि निर्माण का आदेश दिया
ब्रह्मा ने एक अंडे की रचना की 
जो ब्रहमांड कहलाया
और सृष्टि का निर्माण शुरू हो गया

shree ganesh geeta 9

श्री गणेश ने कहा
मेरे अंश मेरी संतान
जब तेरे सब पापकर्म समाप्त हो जायेंगे
तेरे हिसाब में सिर्फ सत्कर्म हो जायेंगे
उस दिन तुम सम्पूर्ण गणाधिप हो जाओगे
सम्पूर्ण गणाधिप  मेरे भीतर समां जाता है
और पानी की बूँद वापस अपनी झील में  लौट जाती है
ज्ञानी लोग इसे मोक्ष कहते है
मोक्ष का अर्थ है सम्पूर्ण मुक्षा( मिटना) 
तो मेरे बच्चे
मेरी बात समझ
अपने पापकर्मो का शमन कर सत्कर्मो को बढा
बन जा पूर्ण ब्रह्म गणाधिप
मै तेरी प्रतीक्षा कर रहा हूँ
आजा  और मुझ में समा जाओ



shree ganesh geeta 8

श्री गणेश ने कहा
जब तू किसी विकलांग को देखता है किसी गरीब को देखता है 
तेरे मन मे क्या आता है
बेचारे को किस जनम के पाप भोगने पड़ रहे हैं
बस  सत्य यही है
वह अपने पाप ही भोग रहा है
पर तेरे लिए तो वोह सत्कर्मो का मौका है
उसकी मदद कर तेरे पाप कम हो जायेंगे
तुझे मिलने वाली सज़ा कम हो जाएगी हो सकता है माफ़ ही हो जाए 
मेरी बात सम्पूर्ण सत्य है

shree ganesh geeta 7

श्री गणेश ने कहा 
ना कोई स्वर्ग है ना नरक है  जो है वो यही संसार है
तेरे पाप पुण्य तुझे यही भोगने है
तेरा खाता चल रहा है
तेरी सुखो और दुखो का हिसाब सब मेरे पास है 
तेरे कर्मो का जिम्मेवार तू खुद है
मेरी मर्जी से कोई कर्म तू नहीं करता  
ना अच्छा ना बुरा
मेरी मर्जी तो यही है तू सत्कर्म करे
तुझ पर बरसे सुखो के बादल तेरे सत्कर्मो के सागर से उठे है
तुझ पर टूटे मुसीबतों के पहाड़ तेरे ही दुष्कर्मो के पत्थरों से बने है
कई जनम हुए कई और होंगे
तेरा अकाउंट चल रहा है
काउंटर पर मै बैठा हु
मेरा हिसाब एकदम साफ़ है

Monday, July 4, 2011

shree ganesh geeta 6

श्री गणेश ने कहा 
अब जब तू तेरा मेरा रिश्ता समझ गया है अब समझ 
मै कौन हु और तुम कौन हो
तुम्हारा और मेरा निर्माण कैसे हुआ किसने किया 
यह संसार क्यूँ रचा गया
इस संसार मे तुम्हे क्यूँ उतरा गया है
मै कैसे तुमसे मिलता हु 
कब मै तुम्हारा साथ देता हूँ कब तुम्हारा साथ छोड़ देता हूँ
मेरा रूप क्या है 
मेरी पूजा क्या है
साधना क्या है
तपस्या क्या है
तेरा मुझ तक का रास्ता क्या है
इन सब सवालो का जवाब  गणेश ज्ञान है 
जो मै तुम्हे दे रहा हु 

shree ganesh geeta 5

श्री  गणेश ने कहा
जब कोई कहे की प्रलय आने वाली है तो डरना मत
यह सारा संसार मैंने बहुत सोच समझ कर और बड़ी मेहनत से बनाया है 
कोई अपनी बनायीं चीज़ तोड़ सकता है क्या
मै भी नहीं तोडूंगा
जब कोई कहे प्रलय आने वाली है उसे बताना की मेरा तुमसे वादा है मै कभी विनाश नहीं करूँगा
जब घर पुराना हो जाता है तो नयी जरूरत के अनुसार थोडा बहुत परिवर्तन आवश्यक
हो जाता है
पर पूरा घर कभी नहीं गिराया जाता
मेरे बच्चे तुम कभी मत डरना
अपनी लायक संतान को मै बेहतर घर बना कर दूंगा
अपने नालायक औलाद को मै अपनी जायदाद से बेदखल कर दूंगा
तो मेरे बनाये संसार का आनंद लेने के लिए मेरी लायक संतान बनो 

shree ganesh geeta 4

श्री गणेश ने कहा 
मेरी संतान सुन अब मै तुझे बताता हूँ की मेरी तुम से क्या इच्छा है
मै तुझसे चाहता हूँ की तू अपने सभी भाइयो से प्रेम पूर्वक रहे
अपने कम भाग्य भाइयों की मदद करो 
मेरे बनाये इस संसार को साफ़ सुथरा रखो 
इसे बेहतर बनाओ


shree ganesh geeta 3

श्री गणेश ने कहा 
जो बेटा पिता के कहे अनुसार चलता है पिता उससे खुश होता है
जो बेटा पिता का कहना नहीं मानता पिता उससे नाराज हो जाता है 
अच्छे बेटे को पिता से लाभ मिलता है
बुरा बेटा पिता के फायदों से वंचित रह जाता है 
ठीक इसी तरह मेरा कहना मानने वाला सब प्रकार  सुख पाता है

shree ganesh geeta 2

श्री गणेश जी ने कहा
मैंने कब कहा कि तुम नहा धो कर मंदिर आओ 
क्या तुम अपने माता पिता से जितनी बार मिलते हो उतनी बार नहा कर उनके कमरे माय जाते हो
नहीं ना फिर मेरे पास आने मे इतना सब ड्रामा क्यूँ
मेरे बच्चे       मेरा कहा मानते रहो  मै खुश हो जाऊंगा 

shree ganesh geeta 1

श्री गणेश जी ने कहा 
 मै पिता और तुम मेरी संतान हो बस यही रिश्ता याद रखना
इसके अलावा कोई और नाता नहीं है
मैं नहीं कहता कोई रुकावट हो
जो एक पिता अपने बेटे से चाहता है वही मै तुमसे चाहता हु
कौन पिता कहता है की उसका बेटा हरदम उसकी पूजा करे उसका नाम लेता रहे
पर वो इतना ज़रूर चाहता है की उसका बेटा उसके कहे अनुसार चले
यही मै चाहता हूँ
तुम मेरा नाम चमकाओ
लोग कहे हाँ इसने श्री गणेश के अनुसार अपना व्यवहार रखा है 
यह बात मत भूलना 

Sunday, July 3, 2011

श्री गणेश दर्शन मुख्य पृष्ठ ( front cover)

मेरी पुस्तक का मुख्य पृष्ठ  मेरे श्री गणेश दर्शन के अनुभव को दिखता है

श्री गणेश दर्शन


श्री  गणेश  दर्शन 
जय  श्री गणेश 
प्रिय भक्तो श्री गणेश जी के इस ब्लॉग मे आपका हार्दिक स्वागत है
यह गणेश ज्ञान मेरी २४ वर्षो की साधना का परिणाम है.
मेरी पुस्तक श्री गणेश दर्शन से लिया हुआ विषय वस्तु इसमे दी गयी है 
कृपया अपने विचार अवश्य लिखते रहे 
धन्यवाद
श्री गणेश सदा आपका मार्ग प्रशस्त करे